भाकृअनुसं-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा का एग्रीकसार ग्रीन टेक सॉल्युशन के साथ वी0एल0 पॉलीटनल के उत्पादन तथा विक्रय के लिए समझौता


एग्रीकसार ग्रीन टेक सॉल्युशन, ग्राम घनेली , पोस्ट हवालबाग , अल्मोड़ा से वी0एल0 पॉलीटनल के उत्पादन के लिए भा0कृ0अनु0प0--विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा-263601 द्वारा लिखित समझौता किया गया है। पहाड़ी इलाकों में सर्दी के मौसम में पाला बहुत आम है। जिसके कारण सब्जियों, फूलों और अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों की नर्सरी की धीमी अंकुरण और वृद्धि होती है। जिससे किसानों को समय पर रोपाई की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, अपने प्रारंभिक विकास चरण में नर्सरी में पौध को पाले, ओलों और हिमपात से होने वाले नुकसान की संभावना अधिक होती है। यदि नर्सरी विफल हो जाती है, तो न केवल किसानों को बीजों की बहुत अधिक लागत के रूप में आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि नर्सरी की दोबारा बुआई करने से खेतों में इसकी रोपाई में देरी होती है, जिससे कुल उत्पादन कम हो जाता है। इस प्रकार ऐसी परिस्थितियों में नर्सरी तैयार करने के लिए वी0एल0 पॉलीटनल एक सस्ता, उपयुक्त और लाभदायक विकल्प हो सकता है और तदनुसार भा0कृ0अनु0प0- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने एक ने उच्च मूल्य की नर्सरी तैयार करने के लिए स्टील पाइप से बने ‘‘वीएल पॉलीटनल" को नर्सरी के एक सुरक्षात्मक संरचना के रूप में विकसित किया है। वी0 एल0  पॉलीटनल अर्ध-वृत्ताकार आकार का है जिसके लिए 2 वर्ग मीटर के जमीन क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है और कुल उपलब्ध क्षेत्र 4 वर्ग मीटर है। यह स्टील पाइप और यूवी पॉलिथीन से बना है और इसकी कीमत 6,000 रुपये है। नर्सरी उगाने के लिए सर्दियों में इसके प्राथमिक उपयोग के अलावा किसान इसका उपयोग बारिश के मौसम में अपने खेत की उपज को सुखाने और ढकने के लिए भी कर सकते हैं। यह पॉलीटनल परिवहन के लिए बहुत आसान है, क्योंकि इसके अधिकतम भाग वियोज्य हैं और एक पॉलीटनल को सुरक्षित परिवहन के लिए केवल (105×25×80 सेमी3) आयतन की आवश्यकता होती है। वी0एल0 पॉलीटनल के उत्पादन तथा विक्रय के लिए उक्त कम्पनी के साथ 17.02.2023 को हुए समझौते में भा0कृ0अनु0प0-वि0प0कृ0 अनु0 संस्थान, के निदेशक डाॅ. लक्ष्मी कान्त, डॉ निर्मल कुमार हेडाउ, चेयरमैन आई0टी0एम0यु0, डॉ जयदीप कुमार बिष्ट, प्रभागाध्यक्ष फसल उत्पादन विभाग, डाॅ. श्याम नाथ, वैज्ञानिक तथा कंपनी के सचिव, श्री बब्बू लाल आर्या ने हस्ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि श्री बब्बू लाल आर्या पूर्व में हेवेल्स कंपनी में गुडवत्ता नियंत्रण सेक्शन में कार्य करते थे।  कोविड के कारण इनकी नौकरी चली गयी और ये वापस अपने घर लौट गये। यहाँ पर ये संस्थान के संपर्क में आये तथा संस्थान में यंत्रीकरण में प्रशिक्षण लिया। तत्पश्चात श्री आर्या ने अपनी स्वयं कि कंपनी एग्रिकसार ग्रीन टेक सॉल्युशन का गठन कर सर्वप्रथम वी0 एल0 पॉलीटनल का लाइसेंस प्राप्त कर निर्माण करने की योजना बनायी है। श्री आर्या के अनुसार निःसंदेह संस्थान की यह खोज किसान की आय वृद्धि में एक मील का पत्थर साबित होगीय जिस पर हम सभी गर्व कर सकेंगे।  इस अवसर पर संस्थान के निदेशक ने उनको बधाई देते हुए उज्वल भविष्य की कामना की।