भा0कृ0अनु0प0- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा का मडुआ थ्रेसर-कम-परलर के निर्माण और विपणन के लिए मैसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्रा0 लि0, रेलवे रोड, सहरानपुर, (उत्तरप्रदेश) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।

विवेक मंडुआ थ्रेसर-कम-परलर के उत्पादन एवं विपणन हेतु विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने मैसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, रेलवे रोड, सहरानपुर (उत्तर प्रदेश)  के साथ लिखित समझौता किया है। विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर समय एवं ऊर्जा बचाता है साथ ही महिला किसानों की कड़ी मेहनत को भी कम करता है। यह परंपरागत विधि की तुलना में उपज की गुणवत्ता में सुधार करता है। इस यंत्र का उपयोग मंडुआ तथा मादिरा दोनों के लिए किया जाता है। विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर को एन.आर.डी.सी. से भी पुरुस्कृत किया गया है। 

उत्तराखंड में मंडुआ एक प्रमुख फसल के रूप में लगभग उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों में उगाया जाता है लेकिन इसकी मड़ाई का कार्य प्रायः घरेलू  औरतों के द्वारा किया जाता है जिससे मड़ाई कार्य में अधिक श्रम तथा समय लगता था। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्थान द्वारा विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर का विकास किया गया जिसके प्रयोग से मंडुआ तथा मादिरा उत्पादन करने वाले किसानों के समय तथा श्रम दोनों को बचाया जा सकता है। विवेक मडुआ थ्रेसर-कम-परलर का प्रयोग मडुआ तथा मादिरा से छिलका अलग करने के लिए किया जाता है। विवेक मंडुआ थ्रेसर-कम-परलर के उत्पादन और विक्रय के लिए मैसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्रा0 लि0, रेलवे रोड, सहरानपुर, उत्तरप्रदेश  के साथ विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का लिखित समझौता हुआ। समझौते में संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मी कान्त, अध्यक्ष आईटीएमयू डॉ निर्मल कुमार हेडाउ, डॉ जयदीप कुमार बिष्ट, प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग, डाॅ. श्याम नाथ, वैज्ञानिक तथा मैसर्स पंजाब एग्रीकल्चर इम्प्लीमेन्ट्स प्रा0 लि0, रेलवे रोड, सहरानपुर, उत्तरप्रदेश के निदेशक श्री संदीप कपूर ने 21.02.2023 को हस्ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि उक्त फर्म के साथ यह समझौता पांचवीं बार किया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष में हुये इस समझौते से आशा है कि उक्त मशीन देश के कोने-कोने में पहुंचकर छोटे कृषकों के दुरूह मानव श्रम को कम करने मे सहायक होगी।